जब मनुष्य वृद्ध होने लगता है तो उसके मन में ख्याल आने लगता है की मृत्यु के बाद उसे स्वर्ग मिलेगा या नरक, और इंसान को ये डर सताने लग जाता है और मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचने के लिए वो कई तरह के व्रत रखने लगता है, पूजन करने लगता है, तीर्थ यात्रा करने लगता है | बताया जाता है की प्रत्येक मनुष्य को उसके पापो का फल और पुण्य का फल मिलकर ही रहता है, ऐसा जरुरी नहीं है की पाप कर्मो को बाद में पुण्य कर्मो से दबाया जा सकता है |
मृत्यु के बाद चलने वाले इस स्वर्ग और नरक के खेल के बारे में गरुड़ पुराण में वर्णन किया गया है, गरुड़ पुराण में कुछ चीजों का वर्णन किया गया है जिनको यदि मृत्यु के समय मनुष्य के समीप रखा जाये तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है, तो आइये जानते है वे कौनसी चीजे है जिन्हे मृत्यु के समय समीप रखा जाये तो स्वर्ग की प्राप्ति होती है |
तुलसी का पौधा
हिन्दू धर्म में तुलसी के महत्व को तो सभी जानते है, तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना गया है, यदि मृत्यु के समय व्यक्ति के पास तुलसी का पौधा हो तो वह सीधा स्वर्ग जाता है, यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु करीब हो तो व्यक्ति को तुलसी के पौधे के करीब लिटा देना चाहिए और माथे पर तुलसी के पत्ते और मंजरी रख दे और मुख में भी एक तुलसी का पत्ता रख देना चाहिए, इससे व्यक्ति का आत्मरूप सीधा स्वर्ग जाता है |
गंगाजल
मृत्यु के बाद मनुष्य के मुख में गंगाजल डाला जाता है, गरुड़पुराण के अनुसार मृत्यु करीब जानकर जो लोग उस व्यक्ति के मुख में गंगाजल डाल देते है वो उस मनुष्य पर उपकार करते है, भगवान विष्णु के चरणों के से निकली गंगा पापो का नाश करती है और साथ ही मनुष्य की अस्थियो को गंगा में विसर्जित करने से आत्मा स्वर्ग प्राप्त करती है |
तिल
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने बताया है की तिल की उत्पत्ति उनके पसीने से हुयी है, इसीलिए तिल को पवित्र माना गया है | पुराण के अनुसार मृत्युशय्या पर लेते व्यक्ति के हाथ से तिल का दान करना चाहिए और साथ ही उसके सिरहाने पर भी तिल रखने चाहिए इससे वह मनुष्य सद्गति प्राप्त करता है |
कुश का आसन
कुश एक प्रकार की घास होती है, विष्णु पुराण के अनुसार मरने वाले व्यक्ति को तुलसी के पौधे के पास कुश से बने आसन पर लिटा देना चाहिए और मुख में तुलसी के रख देने से मृत्यु के बाद व्यक्ति संतानहीन होने पर भी बैकुंठ प्राप्त करता है अर्थात यदि श्राद्ध के लिए उसकी संतान नहीं है तो भी वह मोक्ष प्राप्त करता है |